श्री राम शलाका प्रश्नावली गोस्वामी तुलसीदास रचित
चौपाई :बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
अर्थ :
यह चौपाई भी बालकाण्ड के आरम्भ में ही सत्संग वर्णन के प्रसंग की है ।
फल :
खोटे (बुरे) मनुष्यों का संग छोड़ दो। कार्य पूर्ण होने में संदेह है।।